दतिया। कलेक्टर स्वप्निल वानखडे द्वारा प्रसव के मामलों में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने एवं मातृ-मृत्यु दर को घटाने हेतु महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए है। कलेक्टर ने कहा कि जिले में अब भी गर्भवती महिलाओं के घर पर प्रसव होने के मामले सामने आ रहे है, जो गंभीर चिंता का विषय है।
घर पर प्रसव से प्रसूता और नवजात शिशु दोनों के स्वास्थ्य पर संकट उत्पन्न हो रहा है। कलेक्टर द्वारा विगत दिवस सम्पन्न हुई बैठक में यह स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि इस स्थिति को रोकने हेतु तत्परता से कदम उठाए जाएं, किंतु अपेक्षित स्तर पर कार्य नहीं हो रहा है।
कलेक्टर वानखडे ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जले में घर पर प्रसव रोकने हेतु व्यापक जन- जागरूकता अभियान संचालित किया जाए। गर्भवती महिलाओं एवं उनके परिवारों को संस्थागत प्रसव के लाभ समझाए जाए साथ आशा, आंगनवाड़ी और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को इस दिशा में सक्रिय किया जाए।
उन्होंने कहा कि यदि गर्भवती महिला का घर पर प्रसव होने की जानकारी मिलती है तो संबंधित अधिकारी, स्वास्थ्यकर्मी एवं आशा कार्यकर्ता की जवाबदेही तय की जाएगी और उन पर कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में घर पर प्रसव की सूचना मिलती है तो जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों से 500/- रुपये की राशि रोगी कल्याण समिति में जमा कराई जाएगी।
कलेक्टर ने कहा कि प्रसव संबंधी जटिलताओं और मातृ-शिशु मृत्यु की संभावनाओं को रोकने के लिए संस्थागत प्रसव अनिवार्य है। अतः सभी संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी इस दिशा में गंभीरता से कार्य करें ताकि जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर को प्रभावी ढंग से कम किया जा सके।