यह मंदिर दस महाविद्याओं में से एक, देवी बगलामुखी को समर्पित है, जो अपनी अपार शक्ति और ज्ञान के लिए जानी जाती हैं। मंदिर की विशेषताएं:- त्रिशक्ति माता : इस मंदिर में माता बगलामुखी की स्वयंभू मूर्ति में तीन देवियाँ समाहित हैं – माता बगलामुखी, माता लक्ष्मी और माता सरस्वती।- *तांत्रिक अनुष्ठान*: यह मंदिर तांत्रिक अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है, और यहाँ देशभर से शैव और शाक्त मार्गी साधु-संत तांत्रिक अनुष्ठान के लिए आते हैं।
क्षेत्र*: मंदिर श्मशान क्षेत्र में स्थित है, और इसके चारों ओर श्मशान हैं।- *दीप मालिका*: मंदिर के सामने लगभग 80 फीट ऊँची एक दीप मालिका बनी हुई है, जिसका निर्माण राजा विक्रमादित्य ने करवाया था।*मंदिर का महत्व:*- *शत्रु नाश*: माता बगलामुखी को शत्रु नाश और नियंत्रण की देवी माना जाता है, और उनकी पूजा से शत्रुओं का नाश होता है।- *विजय प्राप्ति*: मंदिर में हवन और पूजा से विजय प्राप्ति की कामना की जाती है, और कई नेता और व्यक्ति यहाँ आकर अपनी विजय की कामना करते हैं।- *आध्यात्मिक शक्ति*: मंदिर में माता बगलामुखी की पूजा से आध्यात्मिक शक्ति और सुरक्षा की प्राप्ति होती है।