दतिया। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत मनाए जा रहे स्वच्छता उत्सव पखवाड़ा (17 सितम्बर से 02 अक्टूबर 2025) के दौरान दिनांक 26 सितम्बर 2025 को जिला चिकित्सालय दतिया में विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इसी क्रम में जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन (Bio-Medical Waste Management) एवं संक्रमण नियंत्रण (Infection Prevention & Control) विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, प्रशिक्षण के दौरान डॉ. के.सी. राठौर ने प्रतिभागियों को जागरूक करते हुए कहा कि जैव चिकित्सा अपशिष्ट का वैज्ञानिक प्रबंधन संक्रमण की रोकथाम का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि अपशिष्ट का स्रोत पर ही पृथक्करण, सुरक्षित संग्रहण और निर्धारित प्रक्रिया से निस्तारण अत्यंत आवश्यक है। यदि BMW का सही ढंग से प्रबंधन न किया जाए तो यह संक्रमण फैलाने का सबसे बड़ा कारण बन सकता है।
डॉ. के. सी. राठौर ने यह भी बताया कि Infection Prevention केवल अस्पताल की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हमारी आदतों और सामाजिक जिम्मेदारियों से भी जुड़ा हुआ है। संक्रमण से बचाव के लिए हाथों की स्वच्छता (Hand Hygiene) सबसे सरल और प्रभावी उपाय है। नियमित रूप से हाथ धोने की आदत अपनाने से लगभग 90% बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।
अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण की अच्छी व्यवस्था होने से मरीजों के साथ-साथ स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है। उन्होंने यह भी कहा कि संक्रमण किसी भी समय और किसी को भी प्रभावित कर सकता है, इसलिए इसे हल्के में लेना उचित नहीं है।
यदि हम सब मिलकर जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन और संक्रमण नियंत्रण को अपनी कार्यशैली का हिस्सा बना लें, तो निश्चित ही संक्रमण मुक्त चिकित्सालय और स्वस्थ समाज का निर्माण संभव होगा।इस प्रशिक्षण में डॉ. डी.एस. तोमर आरएमओ, डॉ. राजेश पटेल सहायक प्रबंधक, शैलेन्द्र सिंह फार्मासिस्ट, मैट्रन सी.वी. जोजी, सोनम पाटिल, ज्योति नरवरिया, समस्त प्रभारी नर्सिंग ऑफिसर एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने सक्रिय भागीदारी कर BMW एवं Infection Control के व्यावहारिक पक्षों पर उपयोगी जानकारी प्राप्त की।