पचोर, 29 सितंबर 2025 (विशेष संवाददाता): मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के पचोर क्षेत्र में आज एक ऐसी घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है, जो किसी काल्पनिक थ्रिलर फिल्म से कम नहीं लग रही।
पचोर स्टॉप डेम के ठंडे पानी में तैरती मिली एक युवती की लाश ने न सिर्फ परिवार को शोक में डुबो दिया, बल्कि पूरे समाज को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। मृतका की पहचान काजल अशोक जाट (20 वर्ष) के रूप में हुई है, और अब हिंदू संगठनों का गुस्सा सड़कों पर उतर आया है। संगठनों ने पुलिस को 72 घंटे का अल्टीमेटम ठोक दिया है – या तो हत्यारों को पकड़ो, या फिर उग्र आंदोलन और आरोपी के मकान को नेस्तनाबूद करने की कार्रवाई का सामना करो!
घटना का खौफनाक चेहरा: कैसे मिली लाश?
सुबह के समय स्थानीय लोगों को डेम के किनारे कुछ संदिग्ध दिखाई दिया। जैसे ही नजदीक पहुंचे, तो पानी से बाहर तैरती एक युवती की लाश ने सबकी रूह कांप दी। सूचना मिलते ही पचोर थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। प्रारंभिक जांच में लाश की पहचान काजल के रूप में हुई, जो पचोर के ही निवासी हैं।
काजल के पिता अशोक जाट एक साधारण किसान हैं, और बेटी की मौत की खबर सुनते ही पूरा परिवार सदमे में आ गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि काजल आखिरी बार कल शाम घर से निकली थी, और उसके बाद कोई सुराग नहीं मिला। क्या यह हत्या है, आत्महत्या, या फिर कोई छिपा राज? पुलिस अभी कुछ भी पुष्टि नहीं कर रही, लेकिन शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
थाना प्रभारी शकुंतला बामनिया ने बताया, “मामला अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुआ है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। हमारी टीमें हर संभावित सुराग पर काम कर रही हैं, और जल्द ही खुलासा होगा।” लेकिन सवाल यह है – क्या रिपोर्ट आने तक इंसाफ मिल पाएगा, या फिर यह एक और अनसुलझी फाइल बनकर रह जाएगी?
हिंदू संगठनों का आक्रोश: रैली, दुकानें बंद, और धमकी भरा ज्ञापन!
लाश मिलने की खबर फैलते ही हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश फैल गया। काजल के जाट समुदाय से होने के कारण इसे सामुदायिक अपराध मानते हुए संगठनों ने तुरंत एक्शन लिया। दोपहर होते ही सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। उन्होंने पचोर शहर में रैली निकाली, जिसमें नारे लगाए गए – “इंसाफ लाओ, या फिर आग लगाओ!
” रैली के दौरान बाजार की सारी दुकानें जबरन बंद करा दी गईं, जिससे शहर में तनाव का माहौल बन गया।रैली का समापन पचोर थाने पर हुआ, जहां संगठनों ने थाना प्रभारी को एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में साफ-साफ लिखा था: “72 घंटे के अंदर हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो हिंदू संगठन उग्र आंदोलन छेड़ेंगे। आरोपी का मकान भी तोड़ा जाएगा!
” संगठनों का दावा है कि यह घटना जाट बेटी पर हुए अत्याचार का प्रतीक है, और वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। एक कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हमारी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। पुलिस अगर निष्क्रिय रही, तो हम खुद कानून हाथ में लेंगे। “क्या है संभावित कारण? प्रेम प्रसंग, दुश्मनी, या कुछ और?
अभी तक पुलिस ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन स्थानीय स्रोतों से मिली जानकारी के मुताबिक, काजल का किसी से पुराना प्रेम प्रसंग हो सकता है। कुछ लोग फुसफुसा रहे हैं कि गांव में पुरानी दुश्मनी भी हो सकती है। जाट समुदाय में ऐसी घटनाएं अक्सर सामुदायिक तनाव पैदा कर देती हैं, और आज का आंदोलन इसका जीता-जागता सबूत है। विशेषज्ञों का मानना है कि मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं पर हो रहे अपराधों की संख्या बढ़ रही है, और ऐसी घटनाएं समाज को झकझोर रही हैं।
आगे क्या? तनावपूर्ण माहौल में पुलिस की चुनौतीपुलिस ने इलाके में अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। जिलाधिकारी और एसपी स्तर पर बैठक बुलाई गई है, और सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायतें दर्ज हो रही हैं। लेकिन सवाल वही है – क्या 72 घंटे में इंसाफ मिलेगा? काजल की मां का रो-रोकर बुरा हाल है: “मेरी बेटी को कौन मार गया? बस हत्यारे को सजा दो, वरना हम चैन से नहीं बैठेंगे।
“यह घटना न सिर्फ पचोर, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के लिए एक चेतावनी है। महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं, और हिंदू संगठनों का यह आंदोलन एक नई बहस छेड़ सकता है। हमारी टीम घटनास्थल से लगातार अपडेट लाती रहेगी। क्या आपका कोई सुराग है? हमें बताएं – इंसाफ की इस लड़ाई में हर आवाज मायने रखती है!