राजगढ़ 09 अक्टूबर, 2025
मध्यप्रदेश कौशल विकास संचालनालय द्वारा गुरूवार को “कौशलम प्रतिभा प्रोत्साहन समारोह 2025” का आयोजन किया गया, जिसमें कौशल उत्कृष्टता, नारी शक्ति और नवाचार का अद्भुत संगम देखने को मिला।
इस अवसर पर वर्ष 2025 की आईटीआई परीक्षाओं में असाधारण प्रदर्शन करने वाले 09 राष्ट्रीय स्तर के ट्रेड टॉपर्स, 14 राज्य स्तरीय टॉपर्स तथा राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुश्री त्रिशा तवड़े को सम्मानित किया गया।कार्यक्रम में एनसीवीटी परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 10 प्रशिक्षणार्थियों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
इनमें से शासकीय एकलव्य आईटीआई बैतूल की इलेक्ट्रीशियन ट्रेड की प्रशिक्षणार्थी सुश्री त्रिशा तवड़े ने सेंट्रल जोन से प्रथम स्थान प्राप्त कर प्रदेश का गौरव बढ़ाया।मुख्य अतिथि प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कौशल विकास एवं रोजगार विभाग श्री गौतम टेटवाल ने इस अवसर पर कहा कि “कौशल केवल रोजगार का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, नवाचार और सामाजिक परिवर्तन की शक्ति है।
आज हमारे प्रशिक्षणार्थी अपने हुनर के माध्यम से न केवल सीमाएँ तोड़ रहे हैं, बल्कि समाज में नई संवेदनशीलता और समावेशन का संदेश भी दे रहे हैं।”कार्यक्रम के दौरान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री टेटवाल ने नारी शक्ति एवं हुनर की प्रतीक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुश्री त्रिशा तवड़े का सिंदूर के पौधे से पूजन कर अभिनंदन किया।
यह प्रतीकात्मक (gesture) जेस्चर नारी सशक्तिकरण और कौशल की पवित्रता का संदेश देता है। समारोह की एक प्रमुख विशेषता यह रही कि इस वर्ष के कई प्रशिक्षणार्थियों ने परंपरागत रूप से विपरीत क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त की।
वेल्डिंग, मोटर मैकेनिक, फिटर, फैशन डिजाइनिंग जैसे विविध क्षेत्रों में प्रशिक्षणार्थियों ने यह सिद्ध किया कि “कौशल का कोई बंधन नहीं होता” और मेहनत, समर्पण तथा विश्वास से हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की जा सकती है। कौशल विकास संचालनालय द्वारा आयोजित यह समारोह न केवल प्रतिभा और परिश्रम का उत्सव है, बल्कि “कौशल के माध्यम से समानता” की दिशा में एक सशक्त कदम भी है।
कार्यक्रम में विभागीय वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न आईटीआई संस्थानों के प्राचार्य, प्रशिक्षण अधिकारी एवं प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे। समारोह में सभी सम्मानित प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र एवं कौशलम प्रतीक चिन्ह प्रदान किए गए। मध्यप्रदेश के आईटीआई संस्थानों की यह उपलब्धि प्रदेश के कौशल विकास प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान प्रदान करती है।