अंधेर नगरी, वेब पोर्टल पचोर/प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवाकेंद्र में दीपावली के उपलक्ष पर दीपोत्सव का कार्यक्रम मनाया गया।
सभी लोगों का तिलक मुकुट, पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। साथ ही लक्ष्मी जी की झांकी बनाकर आरती उतारी गई।डॉ. बी.के. अग्रवाल ,सूरज गुप्ता, गिर्राज पाटीदार ने दीपावली की शुभकामनाएं दी।
ब्रह्माकुमारी वैशाली दीदी ने आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि दीपावली पांच मुख्य त्योहार लेकर आती है जिसमें धनतेरस, रूप चौदस, लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजन, भाई दूज धनतेरस मनाने के साथ-साथ ज्ञान धन से भी संपन्न बनना है।
रोज ब्रह्ममुहूर्त में स्नानादि करके आत्म चिंतन और प्रभु चिंतन अवश्य करें इससे आत्मा की खोई हुई शक्ति वापस आएगी और जन्म-जन्म अंतर के पाप कर्म नष्ट होते जाएंगे।
आत्मा का रूप निखरता जाएगा आत्मा सतोगुणी बनती जाएगी।लक्ष्मी पूजन के दिन विशेष घर की सफाई के साथ-साथ मन की भी सफाई करें रोज ज्ञान अमृत का पान करने से सकारात्मक विचार आने लगेंगे।
कहते हैं श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर सभी को आपदा मुक्त किया था। इसी तरह इस कलयुग में चारों तरफ आपदाएं,
नकारात्मकता, पापाचार बढ़ता जा रहा है। हमें श्री कृष्ण सामान देवीगुण धारण करके इस कलयुग रूपी पर्वत को सर्व के सहयोग से उठाना है। भाई दूज पर सबको दिल खुश मिठाई खानी और खिलानी है।
अर्थात सबका हाल-चाल जानना है और सभी को खुश रखने की कला सीखनी है जरूरतमंदों की मदद करना। उन्हें खुशी का शांति का प्रेम का दान देना है। दीपावली के दिन नवयुग का भी आवाहन करें तथा देवीगुण धारण कर देवत्व प्राप्त करने का लक्ष्य बनाएं।
आगे लघु नाटिका के माध्यम से दीपावली का रहस्य स्पष्ट किया गया, नन्हे नन्हे बालक बालिकाओं ने नृत्य प्रस्तुत किया। ब्रह्माकुमारी दीदीयो ने दीप जलाकर सभी से प्रतिज्ञा करवाई।