जीरापुर महिलाओं द्वारा निर्जरा व्रत रख पति की लंबी उम्र की कामना की
जीरापुर से पवन कुमार जाटव की रिपोर्ट) जीरापुर:- भारतीय संस्कृति में प्राचीनकाल से करवाचौथ व्रत का हिन्दू धर्म का एक विशेष महत्व बताया गया है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से पति की उम्र लंबी होती है।
शुक्रवार को सभी महिलाओं ने करवाचौथ माता का व्रत रखकर पति की लंबी उम्र की कामना की। इस व्रत की तैयारियां सभी महिलाएं पहले से कर रही थी। व्रत के पहले ही महिलाएं मेहंदी लगाकर, साज सज्जा, नए वस्त्र साड़ीयों की खरीदारी चूड़ीयां/श्रंगार सबकी तैयारी पहले ही कर रखी थी। एंव बाजारों में इस व्रत को लेकर अच्छी- खासी रौनक भी रही एंव बाजार सजे रहे। सबसे ज्यादा मिट्टी के बने करवा/दीपक व चलनी की खूब बिक्री रही।
एंव सोने चांदी के आभूषण व कपड़ो की भी खासी बिक्री व्यापारियों की हुई। पूरे नगर के बाजार में अच्छी रोनक बनी रही। करवाचौथ के रोज महिलाओं द्वारा पूरे दिन निर्जरा व्रत किया गया। पूरे दिन भूखे प्यासे रहकर इस व्रत को किया जाता है। वही शाम को शुभ मुहूर्त में करवाचौथ माता की पूजन अर्चन की गई। एंव श्री गणेश व हल्दी द्वारा निर्मित माँ पार्वती व महादेव की भी पूजन की गई।
करवाचौथ माता की साथ भाईयों वाली कथा व्रत करने वाली महिलाओं को सुनाई गई। तत्पश्चात आसमान में चंद्रमा निकलते ही चंद्रदेव को जल चढ़ाकर पूजन की गई। उसके पश्चात चलनी की सहायता से चंद्रदेव के दर्शन कर पति के दर्शन कर पूजा व आरती की एंव पति के हाथों से जल पी कर व मिठाई खा कर ही व्रत खोला गया।
पति के पैर छूकर हमेशा साथ निभाने व सुहागिन रहने का आशीर्वाद लिया। करवाचौथ का व्रत पति पत्नी के प्यार,विश्वास और मजबूत रिश्ते का प्रतीक है। कुवारी लडकिया भी अपने लिए मनचाहा वर पाने की कामना के साथ इस व्रत को करती है। करवाचौथ व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन आता है।
व्रत खोलने के पश्चात सुहागिनें अपनी ननद या सास को करवा झिलाती है जिसमे उनके लिए साड़ी/चूड़ा और पूरा श्रृंगार होता है। और सदा सुहागन होने का आशीर्वाद लेती है। ऐसी मान्यता है कि महिलाओं द्वारा करवाचौथ माता का व्रत करने से उनके पति की लंबी उम्र होती है।कष्ट क्लेश दूर होते है और घर मे सुख शांति बनी रहती है। एंव धन सम्रद्धि बनी रहती एंव महिलाएं सदा सुहागिन बनी रहती है।