आत्मनिर्भर भारत स्वदेशी संकल्प को लेकर सर्किट हाउस पर प्रेस वार्ता का हुआ आयोजन
अंधेर नगरी आगर मालवा। आत्मनिर्भर भारत स्वदेशी संकल्प यह एक नारा नहीं बल्कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत की नींंव है यह हमारे भारतीय जनता पार्टी कि केंद्र सरकार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मध्य प्रदेश की सरकार के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का आवाहन है कि हम अपने देश में बने उत्पादों को अपनाए, अपनी संस्कृति को गले लगाए, और अपने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करें ।हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी हमारा मंत्र है, हमारा लक्ष्य है, और हमारी शक्ति है। हमारे देश के कारीगरों, हमारे किसानों, हमारे छोटे व्यापारियों ,और हमारे उद्यमियों के प्रति एक सम्मान है।
जब हम स्वदेशी अपनाते हैं तो हम अपने देश की मिट्टी से जुड़ते हैं अपने लोगों की मेहनत को सम्मान देते हैं और अपने देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम बढ़ाते हैं।
उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सह कोषाध्यक्ष व उज्जैन के विधायक जैन ने 13 अक्टूबर सोमवार को सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उनके साथ भाजपा जिलाध्यक्ष ओम मालवीय, विधायक मधु गेहलोत, जिला महामंत्री मंयक राजपूत,चिंतामण राठौर, कैलाश कुंभकार,अजय जैन, उज्जैन जिला उपाध्यक्ष अशोक केथवास,रिशी वर्मा,पुर्व महामंत्री लाखनसिंह राणावत,भाजपा जिला मीडिया प्रभारी महेश शर्मा तनोडिया,सह मीडिया प्रभारी दिलीप कारपेंटर उपस्थित रहे।
स्वदेशी हमारी आत्मा का हिस्सा है
भाजपा प्रदेश सह कोषाध्यक्ष व विधायक अनिल जैन कालुहेडा ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि स्वदेशी केवल आर्थिक क्षेत्र में ही नहीं है यह हमारी संस्कृति और आत्मा का हिस्सा है हम विदेशी वस्तुओं के पीछे भागने के बजाय अब अपनी जड़ों को पहचान रहे हैं दुनिया में योग, आयुर्वेद, हस्तशिल्प ,परंपरागत उद्योग ,यह सब आज वैश्विक पहचान बन चुका है
हमारा विकास हमारे हाथ में
देश से स्थापित कुछ संस्थाओं ने स्वदेशी को बढ़ावा देने में निरंतर अपना योगदान दिया स्वतंत्रता के बाद भारत ने पश्चिमी विकास मॉडल और आयात पर निर्भर मिश्रित अर्थव्यवस्था अपनाई जिससे उद्योग कमजोर हुए और विदेशी निर्भरता बढ़ी तभी वर्ष 1964 में दंत्तोपंत ठेंगड़ी ने स्वदेशी चेतन को पुनर्जीवित किया उन्होंने सिखाया आर्थिक आत्मनिर्भरता की सुरक्षा है
भारतीय उद्योग और श्रमिक हमारी ताकत हैं और अंध परिश्रमीकरण से हमें सावधान रहना है उन्होंने स्वदेशी प्रौद्योगिकी कृषि और लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर यह दिखाया कि हमारा विकास हमारे हाथ में है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का मानना था कि आर्थिक व्यवस्था स्वदेशी पर आधारित होनी चाहिए जब तक यह स्वदेशी नहीं होगी ना तो हमारी स्वतंत्रता की रक्षा कर सकती है
और ना ही न्याय की गारंटी दे सकती है आज भाजपा सरकार इसी मंत्र पर चलते हुए स्वदेशी को बढ़ावा दे रही है मेक इन इंडिया से लेकर स्टार्टअप इंडिया वोकल फार लोकल से लेकर आत्मनिर्भर भारत तक का हर पहल लक्ष्य यही है कि हम विदेशी निर्भरता कम करें और स्वदेशी उत्पादन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएं।