शाहपुरा राजेन्द्र खटीक।शाहपुरा-खेल का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है। खेल न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक कौशलों को भी विकसित करने में मदद करते है। खेल हमें शारीरिक रूप से सक्रिय रखते हैं, जिससे हमारे शरीर को मजबूत और स्वस्थ बनाने में मदद मिलती है। यह बात जिला नोडल अधिकारी संस्कृत शिक्षा विभाग भीलवाड़ा डॉक्टर कृष्ण गोपाल जांगिड़ ने राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय मिंडोलिया में आयोजित 14 वर्षीय छात्र वर्ग क्रीड़ा प्रतियोगिता के समापन समारोह में बोलते हुए कही।
अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी शाहपुरा डॉ सत्यनारायण कुमावत ने कहा है कि खिलाड़ी के जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी है। अनुशासित खिलाड़ी ही आगे बढ़ता है और जो आगे बढ़ता है वही जीवन में अपना लक्ष्य प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि जो खेलता है वही खिलता है। कार्यक्रम को राजकुमार बेरवा, रामेश्वर लाल सोलंकी, अविनाश शर्मा ने भी संबोधित किया। प्रतिवेदन विभागीय अधिकारी मुकेश कुमार शर्मा ने प्रस्तुत किया। स्वागत उद्बोधन जगदीश चंद्र खटीक ने दिया। आभार आयोजन विद्यालय के प्रधानाध्यापक परमेश्वर लाल कुमावत ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ परमेश्वर प्रसाद कुमावत ने किया। प्रतियोगिता की जनरल चैंपियनशिप राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय खेड़ा (रास) पंचायत समिति जैतारण जिला ब्यावर को प्राप्त की। कुश्ती की चैंपियनशिप न्यू पब्लिक प्रवेशिका संस्कृत स्कूल नगर, मालपुरा (टोंक) ने प्राप्त हुई। कबड्डी में श्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब गोविंद राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय हाड़ी का खेड़ा को प्राप्त हुआ।
वॉलीबॉल में मनीष बलाई राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय छाजूओं का खेड़ा, खो खो में रीसेंट पब्लिक स्कूल नगर के तोसिम, बैडमिंटन में राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय मेवदा कलां के मोहित, एथलेटिक्स में राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय ताऊसर नागौर के नवीन, कुश्ती में न्यू पब्लिक स्कूल नगर टोंक के लोकेश बेरवा को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में व्यवस्थार्थ लगे शिक्षकों, दल प्रभारियों, विभागीय अधिकारियों एवं भामाशाहों का सम्मान किया गया। समापन कार्यक्रम में घनश्याम सिंह राणावत, संस्कृत शिक्षा विभाग से राजाराम, गोपाल लाल शर्मा, रफीक मोहम्मद, रमेश सुल्तानिया, शंकर सिंह राठौड़, मदनलाल रेगर, बालू राम जाट, कैलाश बगड़ा, मोती लाल बेरवा, शिवचरण शर्मा, नरेंद्र डाडैया, महावीर प्रसाद प्रजापत, महेंद्र कोली, ओम प्रकाश कुमावत, कुलदीप सिंह, अध्यापिका दिव्या वैष्णव, सोनू मीणा उपस्थित रहे।