आष्टा। सिविल अस्पताल आष्टा में बुधवार के दिन जब एक पत्रकार अपनी 6 वर्षी बच्चे की तबीयत खराब होने पर अस्पताल लेकर पहुंचे तब डॉक्टर के द्वारा बच्ची की जांच करवाने को कहा गया,
जब जांच के लिए सिविल अस्पताल के लैब में 4:03 पर पहुंचा तो लैब के कर्मचारियों ने लैब का समय 9:00 बजे से 4:00 तक का बता कर जांच करने से मना कर दिया, वहीं अगले दिन प्रातः 9:00 बजे आने का बोला गया।
लेकिन बच्ची की तबीयत अधिक खराब होने के कारण मजबूरी में उस युवक ने अपनी बच्ची की जांच एक निजी लैब में कराई जिसको महज आधे घंटे के समय में ही दे दी गई।वही जब द्वारा सोमवार को पुनः बच्ची की जांच करवाने के लिए लैब पर पहुंचे तो वहां लैब के कर्मचारी सुबह 9:20 तक अनुपस्थित मिले।
इसके बाद जब बीएमओ साहब से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने मैं बोल देता हूं कहकर फोन कट कर दिया। अगर मरिज जांच के लिए समय से 2 मिनट लेट हो जाते हैं तो उनकी जांच नहीं होती। लेकिन प्रश्न यहां उठता है कि जब समय पर लैब के कर्मचारी नहीं पहुंचते हैं। इसके जिम्मेदार कौन होगा। और इस प्रकार की व्यवस्था कब सुधरेगी।