शाहपुरा- राजेन्द्र खटीक। शाहपुरा-अणुव्रत समिति शाहपुरा द्वारा मताश्रय भवन में समाधान कोचिंग क्लास के विद्यार्थियों के साथ मनाया अहिंसा दिवस।तेजपाल उपाध्याय ने अणुव्रत का संक्षिप्त परिचय करवाया।
कार्यक्रम के मुख्यवक्ता ओम माली ‘अंगारा’ ने अहिंसा दिवस पर बताया कि हिंसा तीन प्रकार की होती है। मनसा, वाचा, कर्मणा।
मन से या अपने विचार से किसी को आहत नहीं करना, अपने वचनों से किसी को आहत नहीं करना, अपने कर्म से किसी भी जीव को आहत नहीं करना ही अहिंसा है।
अहिंसा में वह शक्ति होती है जो बड़े-बड़े हिंसक डाकुओं को भी अहिंसक बना दिया। जैसे अंगुलिमाल नाम के डाकू को भी हिंसक मार्ग को त्यागकर अहिँसा के मार्ग पर ला दिया था।
अहिँसा के बल पर ही गाँधी जी ने दक्षिणी अफ्रीका में अंग्रेजी सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया था।भारत में भी गाँधी जी ने चंपारण किसान आंदोलन, अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन जैसे अनेक आंदोलनों को सफलता तक पहुंचाया।
अहिंसा शक्ति के बलबूते पर ही गाँधी जी ने द्वितीय गोलमेज सम्मेलन लन्दन में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड और पूरा मन्त्रिमण्डल गाँधी के स्वागत हेतु कतारबद्ध खड़े थे और ब्रिटिश प्रधानमंत्री के बराबर बैठकर आँखों में आंखे डालकर बात की।’अंगारा’ ने बताया कि अहिंसात्मक मार्ग पर चलने से सफलता जरूर मिलती है थोड़ी देर हो सकती है।
समिति के अध्यक्ष रामस्वरूप काबरा ने विद्यार्थियों को अणुव्रत संकल्प करवाए। समिति के सदस्यों ने कोचिंग संचालक को अणुव्रत प्रमाणपत्र भेंट किया।कार्यक्रम में समिति के कोषाध्यक्ष कैलाश चन्द्र शर्मा और समाधान कोचिंग क्लास के संचालक और तैयारी करने वाले अभ्यर्थी उपस्थित रहे।