“सप्तशक्ति संगम” एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे विद्या भारती द्वारा आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से महिलाओं (मातृशक्ति) को सशक्त बनाने, पारिवारिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने, समाज-संस्कृति और पर्यावरण संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से है।
इस कार्यक्रम की कुछ विशेषताएँ और उसके उद्देश्य दिए है
उद्देश्य एवं विषय
“सप्तशक्ति संगम” कार्यक्रम में मातृशक्ति जागरूकता, कुटुंब प्रबोधन (परिवार-संस्कारों की भूमिका), पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी/सांस्कृतिक मूल्यों जैसे विषयों पर विचार-विमर्श होता है।
इसके माध्यम से महिलाओं को यह एहसास कराना कि उनका सामाजिक, पारिवारिक और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में क्या योगदान हो सकता है।
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शताब्दी वर्ष के अवसर से जोड़कर भी देखा गया है — जैसे कि कार्यक्रमों की शुरुआत 5 अक्टूबर से की गई और 23 जनवरी तक इसे जारी रखने का लक्ष्य रखा गया है।
आयोजन और रूप यह कार्यक्रम विद्यालयों, महिला कार्यशालाओं, प्रांतीय एवं जिला स्तर की कार्यशालाओं आदि रूपों में आयोजित किया जा रहा है।
उदाहरण स्वरूप, झारखंड के धनबाद में एक प्रांतीय सप्त शक्ति संगम कार्यशाला हुई, जिसमें महिलाओं को “संस्कृति को बचाने” में उनकी भूमिका बताई गई। मेघालय में 10 विद्या भारती स्कूलों में “सप्तशक्ति संगम” कार्यक्रम चलाया जाना है।
बीना (मध्य प्रदेश) में भी यह आयोजन हुआ — वहाँ कार्यक्रम के मुख्य विषयों में कुटुंब प्रबोधन शामिल थे।
कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने की बैठकें भी आयोजित हुई है, जिसमें समाज सेवा, महिला सम्मानित करना आदि प्रस्तावित हैं।