उज्जैन के मोती नगर में रहने वाले प्रार्थी अर्जुन सिंह डाबी ने स्थानीय प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है। अर्जुन सिंह ने आरोप लगाया है कि आरोपी राजू के भांजे कुलदीप और उसके साथियों ने चाकु लेकर उनके घर पर हमला किया और जान से मारने की कोशिश की।
मामले की पृष्ठभूमि
अर्जुन सिंह ने बताया कि 25 जुलाई 2022 को उनके घरवालों पर हमला किया गया था, जिसमें उनके पिता करण सिंह डाबी की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में नानाखेड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी और पांच आरोपियों को नामजद किया गया था।
*आरोपियों के नाम*
1. राजू पिता नागुलाल निवासी कमल कॉलोनी उज्जैन2. विशाल पिता राजू निवासी कमल कॉलोनी उज्जैन3. आयुष पिता राजू निवासी कमल कॉलोनी उज्जैन4. कृष्णा बाई पत्नी राजू निवासी कमल कॉलोनी उज्जैन5. लाखन पिता बाबुलाल वाघेला निवासी हामुबेड़ी
*गवाहों को धमकी*
अर्जुन सिंह ने आरोप लगाया है कि आरोपी पक्ष सत्ता के संरक्षण में उन्हें और गवाहों को डराने का प्रयास कर रहा है, ताकि मामले में कोई गवाही न दे। उन्हें वर्तमान भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री मोहन यादव का नाम लेकर डराने की कोशिश की जा रही है।
*प्रार्थी की मांग*
अर्जुन सिंह ने प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है और कहा है कि यदि भविष्य में उनके या उनके परिवार के किसी भी सदस्य के साथ कोई अप्रिय घटना घटित होती है, तो इसकी समस्त जवाबदारी राजू और कुलदीप की होगी।
*पुलिस की कार्रवाई*
पुलिस ने इस मामले में क्या कार्रवाई की है, इसकी जानकारी अभी नहीं मिली है। प्रार्थी ने पूर्व में भी राजू के पुत्र विशाल द्वारा डराने और धमकाने की शिकायत की थी। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और प्रार्थी को न्याय मिलता है या नहीं।उज्जैन के मोती नगर में रहने वाले प्रार्थी अर्जुनसिंह डाबी ने स्थानीय प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है।
अर्जुनसिंह ने आरोप लगाया है कि आरोपी राजू के भांजे कुलदीप और उसके साथियों ने उनके घर पर हमला किया और जान से मारने की कोशिश की। जबकि मामला अभी न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है और आरोपी पक्ष सत्ता के संरक्षण में मुझे व गवाह आदि को डराने का प्रयास कर रहे हैं ताकि मामले में कोई गवाही ना दे।
अर्जुन डाबी का कहना है मुझे व गवाह को वर्तमान भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री मोहन यादव का नाम लेकर डराने की कोशिश की जा रही है?। मेरा परिवार डर के माहौल में जी रहा है। वहीं पुलिस भी सहयोग करने की बजाय मुझे ही केस करके अंदर करने की बात करती हैं?। वार्ड में राजनीतिक पद पर आसीन कुछ लोग अपने पद का ग़लत इस्तेमाल करके मामले को दबाने में लगे हैं?
अब हम उज्जैन जैसे धार्मिक नगरी में कब तक सुरक्षित है यहां महाकाल ही जाने। यदि किसी न्यायालय विचाराधीन मामले में परिवादी द्वारा वाली पक्ष व गवाह आदि को डराया , धमकाया जाता है तो उसकी जमानत ख़ारिज कि जा सकती है। उक्त मामले में पुनः प्राथमिक दर्ज किया जा सकता है लेकिन अभी तक ऐसी कोई कार्रवाई नहीं हुई है दुसरे पक्ष को थाना बुलाया और देर रात छोड़ दिया गया।
मैं आधी रात तक थाने पर ही बैठा था। थाना प्रभारी द्वारा भी मुझ पर दबाव बनाया जा रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और प्रार्थी को न्याय मिलता है या नहीं। हमारे द्वारा थाना प्रभारी नरेंद्र यादव एवं उज्जैन जिला पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा को मामले को लेकर फोन किया गया लेकिन दोनों अधिकारियों ने फोन रिसीव नहीं किया।