पचोर से संवाददाता:- सत्येंद्र जाटव आखिर कब तक नन्हे-मुन्ने बच्चों की जान से खिलवाड़ होता रहेगा l शिक्षा, परिवहन विभाग ,बाल कल्याण आयोग, मुख दर्शक बना रहेगा क्या पूंजीपतियों नेताओं के इशारे पर काम कर रहा है क्या जेसे एक बिजनेस बन गई है प्राइवेट स्कूल संचालकों के द्वारा स्कूल तों खोल दिये जाते हैं परन्तु शासन के नियम कानूनों नियमों का पालन नहीं कर पाते हैं अखिर इन छोटे बच्चों का क्या दोस हैं l
सोमवार को आदर्श पब्लिक स्कूल ग्राम-चोमा में, पचोर रोड पर स्थित स्कूल की बस ड्राइवर की लापरवाही से पलटी खा गई बस में 45 बच्चे सवार थे जिसमें लगभग 12 बच्चे घायल हुए जिनको ग्रामीणों द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया है ग्रामीणों के अनुसार ड्राइवर शराब के नशे में होना बताया गया है स्कूल बस पलटी खाने के बाद ड्राइवर गाड़ी छोड़कर भाग गया lगांव वालों के द्वारा स्कूल प्रिंसिपल को सूचना दी उसके बाद भी मौके पर नहीं पहुंचा l
इसी प्रकार आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में नियम कानून ताक में रखकर कई स्कूल चला रहे हैं इन सभी प्राइवेट की जांच होनी चाहिए l कई प्राइवेट स्कूलों में शासन के नियम को फॉलो नहीं किया जा रहा है शिक्षा विभाग के जवाबदार अधिकारी कर्मचारी कार्यवाही के नाम लीपा पोती कर ऐसे स्कूलों को स्कूल चलाने की परमिशन दे देते हैं जिनकी लापरवाही आए दिन देखने को मिलती है l
अधिकारी क्या नेताओं के दबाव में काम कर रहे हैं आखिर बच्चों की जान का भी कोई मूल्य है कि नहीं पूछते हैं बच्चों के अभिभावक पूछता है एक नागरिक शिक्षा को व्यापार बना दिया कैसे अच्छे दिन आए हैं पूर्व में भी गंभीरता को देखते हुए राजगढ़ जिले के पलक महासंघ के द्वारा ज्ञापन दिया गया था लेकिन नेता अधिकारी समोसा खाकर फेंक देते हैं क्या आवेदन ज्ञापनों को