राजस्थान की ग्राम सेवा सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने अपनी लम्बित मांगों पर कार्रवाई न होने को लेकर सरकार के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
शाहपुरा – राजेन्द्र खटीक। जयपुर-राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र भेजा और सहकारिता विभाग की उदासीनता पर नाराजगी जताई।
प्रमुख मुद्दे- 6 अगस्त 2025 को सहकारिता मंत्री को पत्र सौंपकर मांगों का समाधान करने का आग्रह किया गया था, लेकिन अब तक ठोस कदम नहीं उठाया गया।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि मांगें नहीं मानी गईं तो 29 सितम्बर से ही कम्प्यूटरीकरण कार्य, फसली ऋण वितरण-वसूली, सदस्यता अभियान और अन्य योजनाओं का अनिश्चितकालीन बहिष्कार शुरू कर देंगे। मुख्य मांगें-ग्राम सेवा सहकारी समितियों के कर्मचारियों का जिला कैडर बनाकर नियोक्ता निर्धारण किया जाए।
केन्द्रीय सहकारी बैंकों में रिक्त पड़े ऋण पर्यवेक्षक के पदों पर समिति व्यवस्थापकों से 100% भर्ती की जाए। 10 जुलाई 2017 से पहले नियुक्त कार्मिकों का नियमितिकरण फिर से शुरू हो और आयु सीमा संशोधित की जाए। ग्राम सेवा सहकारी समितियों के सेवा नियम 2022 को संशोधित कर इन्हें कार्मिक विभाग से विधिवत मंजूरी दी जाए।
विरोध की चेतावनी- संघर्ष समिति का कहना है कि कर्मचारियों में गहरा असंतोष है और यदि सरकार ने तुरंत समाधान नहीं किया तो ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियों की योजनाएं और किसानों को मिलने वाली सेवाएं गंभीर रूप से प्रभावित होंगी। ज्ञापन सौंपा गया शाहपुरा-बनेड़ा विधायक डॉ. लालाराम बैरवा को भी कर्मचारियों ने ज्ञापन सौंप कर मांगों के समाधान की अपील की।
इस दौरान लक्ष्मण खारोल, किशन लाल जाट, नारायण गाडरी, रामदेव माली, रामलाल गुर्जर, रमेश चंद्र तेली, प्रदीप व्यास, रामलाल कुम्हार, रामप्रसाद बलाई, नरेंद्र काबरा, सुखदेव गुर्जर,नन्दलाल गाडरी, मगनलाल तेली, सुरेश रैगर, मनीष छिपा, लोकेश गाडरी, सत्यनारायण गाडरी, रतनलाल शर्मा और शाहपुरा ब्रांच के सभी व्यवस्थापक और सहायक व्यवस्थापक, अन्य सभी कर्मचारी उपस्थित थे।