पवन परमार सोनकच्छ। स्थानीय कृषि उपज मंडी प्रांगण में लगा शिवम धर्म तौल कांटे पर तौल में गड़बड़ी के चलते एसडीएम के आदेश पर तहसीलदार संजय गर्ग द्वारा तौल कांटे को सील कर दिया गया, उक्त तौल कांटा हमेशा से विवादित रहा है दो महीने पहले अगस्त में भी उक्त तौल कांटे पर एक किसान की उपज कम तौलने को लेकर किसानों द्वारा जमकर हंगामा किया था।
उक्त धर्म तौल कांटे पर आयें दिन अधर्म होता है हमेशा तो किसान के साथ ही लेकिन गुरुवार को मंडी व्यापारी के साथ तौल में गड़बड़ी कर दस क्विंटल सोयाबीन अधिक तौल की पर्ची बना दी जिससे व्यापारी को 40 हजार रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। पीड़ित व्यापारी ने उक्त तौल कांटे की शिकायत उच्च अधिकारियों से करने की बात कही है।
मामला गुरुवार दोपहर का स्थानीय कृषि उपज मंडी प्रांगण का है जहां पर किसान अर्जुन गुर्जर निवासी नागपचलाना सोनकच्छ अपनी सोयाबीन फसल ट्रेक्टर ट्राली में भरकर लाया था और उसने उक्त फसल को मंडी प्रांगण स्थित शिवम धर्म तौल कांटे पर वजन करवाया था जहां सोयाबीन फसल का वजन 33 क्विंटल बताया और कम्प्यूटर पर्ची किसान को दी गई थी।
किसान द्वारा उक्त फसल को व्यापारी के ख़ाली करने गया तो उसे फसल के वज़न पर शंका हुई और उसने वज़न में गड़बड़ी को लेकर किसान से बातचीत की गई लेकिन किसान का कहना था कि तौल कांटे पर वजन करवाया है और तौल कांटे से वजन पर्ची निकलीं और मेरी फसल का वजन 33 क्विंटल है।
और व्यापारी उक्त फसल का वजन 23 क्विंटल के लगभग बता रहा था इसी बात पर किसान और व्यापारी में बहुत देर तक बहसबाजी हुईं फिर किसानों द्वारा मंडी प्रांगण में स्थित एसडीएम कार्यालय पहुंचकर एसडीएम प्रिया चन्द्रावत को तौल कांटे की और व्यापारी की शिकायत की गई जिस पर एसडीएम द्वारा तहसीलदार संजय गर्ग को भेजा गया और तौल कांटे की गड़बड़ी के चलते उक्त तौल कांटे को तुरंत सील कर दिया गया।
वहीं व्यापारी अरविंद खंडेलवाल का कहना है कि तौल कांटे की गड़बड़ी के चलते मुझे दस क्विंटल सोयाबीन के 40 हजार रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। हम सब मंडी व्यापारियों द्वारा उक्त तौल कांटे के खिलाफ सख्त कार्रवाई को लेकर उच्च अधिकारियों से शीघ्र मिलेंगे।दो महीने में दूसरी बार मंडी प्रांगण स्थित शिवम धर्म तौल कांटे पर आयें दिन विवाद होना आम बात है।
और यह सब फसल के वजन में गड़बड़ी को लेकर होता है उक्त तौल कांटे पर अगस्त 2025 में भी किसान की गेहूं की उपज 20 किलो कम तौलने को लेकर किसानों द्वारा जमकर हंगामा किया था और तहसीलदार व पुलिस के हस्तक्षेप पर मामला शांत हुआ था। अब देखना यह है कि क्या उक्त तौल कांटे के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होगी या फिर राजनीतिक दबाव में धर्म तौल कांटे को अधर्म करने की छूट मिलेगी?