आज हम उससे बहूत दूर निकल चुके है तथा आज बीमारियों से जकड़े हुए..!!
एक समय था जब देशी दवाओं से इलाज होता था और मरीज ठीक भी हो जाते थे जब उस समय इतने कैंसर के मरीज भी नही हुआ करते थे और लोग देशी दवाओं पर भरोसा करते थे लेकिन आज हम उससे बहूत दूर निकल चुके है तथा आज बीमारियों से जकड़े हुए है और प्राचीन काल में सभी तरह के रोगों की चिकित्सा आयुर्वेद से ही होती थी।
मगर कई वजहों से आज एलोपैथी अधिक लोकप्रिय है!आजादी के बाद सरकारी उपेक्षा की वजह से आयुर्वेद अपने ही देश में पराया हो गया! धीरे-धीरे लोग आयुर्वेद से दूर होते चले गए और एलोपैथ से जुड़ते चले गए। हालांकि कोरोना काल में पूरी दुनिया ने आयुर्वेद की ताकत को महसूस किया।
विश्व के अन्य देशों की तुलना में हमारे देश में कोरोना महामारी से मानव क्षरण कम हुआ था। इसकी वजह भारतीयों की मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता है। हमारे यहां हर घर में मसाले के रूप में हल्दी, काली मिर्च, सौंफ, अदरक, शहद आदि का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ रोगों का तो इसी से उपचार हो जाता है। समय आ गया है कि आयुर्वेद को बढ़ावा दिया जाए।